टेंडर प्रॉसेस में सोच-समझ कर भाग लें सीए

दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने अपने सदस्यों को चार्टेड एकाउंटेंट्स की किसी भी तरह की टेंडर प्रक्रिया(जो सिर्फ सीए प्रोफेशनल्स के लिए हो) में भाग लेने से रोक लगा दी है। यह जानकारी इंस्टीट्यूट कीरांची शाखा के अध्यक्ष सीए मनीष जैन ने दी। उन्होंने बताया कि दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया सीए प्रोफेशनल के लिए गवर्निंग बॉडी होती है। इस कारण इसके द्वारा लिए गए फैसलों को मानना हर चार्टेड एकाउंटेंट्स के लिए जरूरी है। आज भी राज्य सरकार के कई विभाग अंकेक्षण और एकाउंटिंग से संबंधित कायरें के लिए पुरानी प्रक्रिया पर आधारित टेंडर व्यवस्था पर ही कार्य कर रहे हैं। इससे न केवल क्वालिटी खराब हो रही है, बल्कि यह इंस्टीट्यूट की गाइडलाइंस के विरुद्ध भी है।

अघोषित आय पर सेमिनार कल

उन्होंने अघोषित आय घोषणा स्कीम के बारे में बताते हुए कहा कि यह स्कीम कर चोरी करने वाले या जो आय कर नहीं देते हैं, लेकिन वे आय कर के दायरे में आते हैं, उनके लिए काफी अच्छी है। इस कारण स्कीम के अंतर्गत एकमुस्त कर जमा करके वे अपनी अघोषित सम्पति को वैधानिक रूप दे सकते हैं। इंस्टीट्यूट की रांची शाखा की सीपीआई कमिटी की अध्यक्षा सीए मनीषा बियानी ने कहा की ख् जुलाई को चैम्बर भवन में अघोषित आय घोषणा स्कीम के बारे में एक जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है.

म्7वीं सालगिरह आज, कई कार्यक्रम

सीए मनीष जैन ने जानकारी दी की क् जुलाई को सीए इंस्टीट्यूट अपनी स्थापना की म्7वीं सालगिरह मना रहा है। इस अवसर पर रांची शाखा बहुत से सामाजिक कायरें का कार्यक्रम रखी है। क् जुलाई की सुबह 7.ब्भ् बजे सीए छात्रों का पर्यावरण व स्वच्छता के प्रति फिरायालाल चौक से ऑफिस तक एक रैली निकाली जाएगी। सुबह 9.फ्0 बजे आईसीए भवन, डॉ मुक्ति सरन लेन, एचवी रोड रांची में इंस्टीट्यूट का झंडा फहराया जाएगा। 9.फ्0 बजे से शाम ब् बजे तक रक्तदान शिविर लगेगा। इसमें चार्टेड एकाउंटेंट्स और सीए के विद्यार्थी रक्त दान करेंगे। इसके अलावा फ् जुलाई को खूंटी रोड स्थित अम्बाटोली गांव में गरीबों के बीच वस्त्र वितरण, बच्चों के बीच पठन- पाठन सामग्री का वितरण और पौधरोपण कार्यक्रम होगा.  Read more http://inextlive.jagran.com/ranchi/

बांधे हाथ व आंख पर पट्टी, कहा-भागो, फिर काट डाला

रविवार की रात तालिबानी अंदाज में अज्ञात लोगों ने तीन युवकों की टांगी से काट- काट कर हत्या कर दी। रोंगटे खड़े कर देने वाले इस ट्रिपल मर्डर में सबसे पहले युवकों के हाथ पीछे कर कपड़े से बांधे गए। फिर आंखों पर पट्टी बांधी। इसके बाद दौड़ा- दौड़ा कर एक- एक कर सबको काट डाला। इस नृशंस हत्याकांड को राजधानी से महज ख्0 किलोमीटर दूर नामकुम थाना क्षेत्र की हहाप पंचायत के बुंडूबेड़ा के ककड़ी जंगल में अंजाम दिया गया। तीनों मृतक डुडुरदाग गांव के रहने वाले थे, जिनमें से दो सगे भाई थे। इनके नाम सिंगराय हजाम, विष्णु हजाम तथा शंकी चरण हैं। पुलिस ने शवों को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया है.

क्या है मामला

जानकारी के मुताबिक, तीनों युवक बंगाल की एक टॉवर कंपनी में मजदूरी का काम करते थे। टॉवर कंपनी का तार हहाप बुंडूबेड़ा गांव में स्थित सरना स्थल के बीच से जा रहा था। इसका विरोध ग्रामीणों द्वारा पहले किया जा चुका था। उस दौरान इन तीनों युवकों व ग्रामीणों के बीच बकझक भी हुई थी। इसके बाद तीनों युवक बुंडूबेड़ा गांव से लौट गए थे। लेकिन, रविवार को तीनों युवक फिर एक सीबीजेड बाइक जेएच- 0क्बीई- ख्877 पर सवार होकर गांव गए हुए थे। बताया जाता है कि तीनों को गांव में दोबारा देखकर ग्रामीण एकजुट होने लगे। ग्रामीणों ने तीनों को बंधक बना लिया और कपड़े से हाथ को पीछे बांध दिया। आंखों पर पट्टी बांधी। इसके बाद उनलोगों को ककड़ी जंगल ले जाया गया, जहां उनलोगों को भागने के लिए कहा। भागने के क्रम में ग्रामीणों ने एक- एक कर तीनों की गर्दन कुल्हाड़ी से काट डाली। एक युवक वहां से भागने की कोशिश कर रहा था। ग्रामीणों ने उस पर भी टांगी से वार किया। टांगी से वार होने के बाद वह एक झाड़ी में गिर पड़ा। इसके बाद टांगी से काट कर उसकी भी हत्या कर दी गई।

पुलिस ने टांगी को किया बरामद

घटना की जानकारी मिलते ही नामकुम थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और घटनास्थल से हत्या में प्रयुक्त टांगी को बरामद कर लिया है। पुलिस को घटनास्थल से कुछ और क्लू हाथ लगे हैं। उस आधार पर छानबीन की जा रही है.

शाम से ही लापता थे तीनों

परिजनों के अनुसार, तीनों युवक रविवार की शाम से ही लापता थे। इस संबंध में उनकी काफी खोजबीन की गई। लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला.

क्वोट

तीनों की हत्या किन वजहों से हुई है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। युवकों की पहचान हो गई है। आशंका है कि तीनों की हत्या आपसी दुश्मनी से हुई है। हालांकि जल्द ही हत्यारे का पता चल जाएगा।

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आई नेक्स्ट ने प्रोफेशनल्स को पढ़ाया योग का पाठ

आई नेक्स्ट के योग सप्ताह में शहर के प्रमुख कारपोरेट ऑफिसेज के पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने योग के महत्व को विस्तार से जाना। स्ट्रेस को हटाना है तो लाइफ में योग लाना है के थीम पर आई- नेक्स्ट की ओर अंतराष्ट्रीय योग सप्ताह क्ब्- क्8 जून तक मनाया गया। इसमें योगा एक्सपर्ट ने प्रोफेशनल्स को योग के महत्व के बारे में जानकारी दी। बिहार स्कूल ऑफ योगा, मुंगेर से शिक्षित- दीक्षित योग गुरु योग ध्यानम ने लाइफ को तनाव मुक्त रखने के टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से योग करने से सबसे बड़ा फायदा हमारी दिनचर्या नियमित हो जाती है। योग के लिए हमें नियमित रूप से समय का पाबंद होकर अपने व्यस्ततम रूटीन में से कुछ समय खुद के स्वास्थ्य के लिए निकालना चाहिए। योग करने वालों की क‌र्इ्र प्रकार की बीमारियां खुद नियंत्रित हो जाती हैं। इस दौरान कर्मचारियों को योग भी कराया गया।

यहां मना योग सप्ताह

रीजनल पासपोर्ट ऑफिस

गैलेक्सिया मॉल, पिस्का मोड़

टॉप लिंक टोयोटा, लाइन टैंक रोड

प्रतीक महिंद्रा, लाइन टैंक रोड

ओला ऑफिस, मोरहाबादी

जन लक्ष्मी फाइनांस, इस्ट जेल रोड

ओरियंटल इंश्योरेंस, सरकुलर रोड

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ब्याज की भेंट चढ़ गई रांची यूनिवर्सिटी की 1.33 करोड़ की एफडी

रांची यूनिवर्सिटी ने बैंक का कर्ज उतारने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट के 1.33 करोड़ रुपए खपा दिए, फिर भी तीन करोड़ रुपए की देनदारी बची हुई है। इतना ही नहीं, इलाहाबाद बैंक ने यूनिवर्सिटी के पचास से ज्यादा फिक्स्ड डिपॉजिट के खाते को भी सीज कर लिया है। अब यूनिवर्सिटी कि वित्तीय स्थिति यह है उसके फिक्स्ड डिपॉजिट में रकम बची ही नहीं है। इधर, लोन मामले में इलाहाबाद बैंक से संबंध बिगड़ने के बाद यूनिवर्सिटी के सभी बैंकिंग कामकाज ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स सं संचालित हो रहे हैं.

सैलरी के लिए ली थी लोन

यह मामला 1990- 92 का है। रांची यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों को लंबे समय से वेतन नहीं मिल पा रहा था। वेतन की मांग को लेकर तमाम कर्मचारी अनशन पर बैठ गए थे। ऐसे में तत्कालीन वाइस चांसलर डॉ अमर कुमार सिंह ने इलाहाबाद बैंक से 1.25 करोड़ रुपए लोन के तौर पर लिए थे, ताकि कर्मचारियों के वेतन का भुगतान हो सके। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 15 दिनों के अंदर बैंक को लोन में लिए रुपए वापस करने का आश्वासन दिया था, पर किन्हीं वजहों से यह टलता गया.ं बैंक ने भी लोन को फिक्स्ड डिपॉजिट से एडजस्ट नहीं किया। इस तरह 1.25 करोड़ के लोन पर 18 परसेंट वार्षिक ब्याज हर साल लगता गया, जिससे लोन की राशि तेजी से बढ़ती चली गई.

एफडी का होता रहा रिन्युअल

एक तरफ लोन की राशि बढ़ती रही, दूसरी तरह बैंक में यूनिवर्सिटी की फिक्स्ड डिपॉजिट का भी रिन्युअल होता रहा। बैंक ने ऑडिट का हवाला देकर दो बार एफडी खाते का रिन्युअल किया। इस बीच प्रो एए खां जब वाइस चांसलर बने तो यूनिवर्सिटी और बैंक के बीच लोन की राशि को लेकर सहमति बनी। इसके तहत बैंक ने 10 हजार रुपए में लोन मामले को खत्म करने का प्रस्ताव यूनिवर्सिटी को दिया। लेकिन, यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने फिर लापरवाही बरती। बैंक को दस हजार रुपए नहीं दिए गए, जिस कारण मामला सुलझ नहीं सका।  Read more http://inextlive.jagran.com/ranchi/

रौशन होंगे झारखंड के सभी सरकारी प्राइमरी व मिडिल स्कूल

राज्य के सभी सरकारी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। दो सालों में चरणबद्ध तरीके से स्कूलों में बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में इस योजना के लिए 401.74 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एनएन पांडेय ने बताया कि जो स्कूल पावर ग्रिड से कनेक्ट होंगे, वहां ग्रिड से बिजली कनेक्शन दिया जाएगा, जबकि बाकी स्कूलों में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा। कैबिनेट की इस अहम बैठक में 15 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई, जिसमें छह प्रस्ताव सड़क निर्माण से जुड़े हैं.

पहले चरण के लिए दौ सौ करोड़

राज्य सरकार ने पहले चरण में 14,469 मिडिल स्कूल, 51 कस्तूरबा गाँधी आवासीय स्कूल, और 6000 प्राथमिक विद्यालयों में बिजली कनेक्शन देने का फैसला किया है। 2016- 17 फाइनेंसियल ईयर में यहां यह सुविधा दी जाएगी, जबकि 2017- 18 में 19,654 प्राइमरी स्कूल को रौशन किया जाएगा। इसके लिए पहले चरण में दो सौ करोड़ रुपए रिलीज किए जाएंगे। कैबिनेट ने केन्द्र प्रायोजित योजना के तहत 89 मॉडल स्कूल को स्टेट प्लान के तहत ट्रांसफर कर सरकार द्वारा संचालित किए जाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी.

मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना शुरु

कैबिनेट ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना शुरु करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी है। इसके तहत ं चिन्हित परिवार के सदस्यों को निशुल्क स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा। इस योजना के लिए राशि को 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने का भी फैसला लिया गया है। असाध्य रोगों के इलाज के लिए सरकार की ओर से दो लाख रुपए दिए जाएंगे। इस योजना में 72 हजार रुपए तक की वार्षिक आय वालों को शामिल किया गया है।  Read more http://inextlive.jagran.com/ranchi/

सुनवाई में पति के नहीं आने पर महिला ने किया हंगामा

सिविल कोर्ट स्थित कुटुंब न्यायालय में पति- पत्‍‌नी के बीच विवाद संबंधी मामले की सुनवाई में पति के न्यायालय नहीं पहुंचने पर पत्‍‌नी उग्र हो गई। उसने आपा खो दिया और न्यायालय परिसर में ही उपस्थित जेठ से उलझ गई और उन्हें लप्पड़- थपड़ कर दिया। दिन के 11:30 बजे महिला की हंगामे के बाद मध्यस्थता केंद्र के समीप स्थित पोर्टिको में अधिवक्ता व आम लोगों की भीड़ जुट गई। हंगामा करीब एक घंटे तक चला। कुछ देर बाद कोर्ट परिसर में तैनात पुलिसकर्मी वहां पहुंचे।   महिला को काफी समझाने पर मामला शांत हुआ।

महिला ने बताया कि पति की हरक्कत से वह तंग आ चुकी है। श्यामली कॉलोनी मेकॉन की महिला ने बताया कि उसकी शादी 28 नवंबर 2010 को डोरंडा के गौरीशंकर नगर गणपति निवास स्थित प्रवीण पाल के साथ हुई थी। ढाई साल का एक बच्चा भी है। मामूली बातों को लेकर पति उसकी पिटाई करने लगा और मायके भगा दिया।

इसमें उसका बड़ा भाई (महिला की जेठ) संजय पाल भी सहयोग करता था। महिला के अनुसार संजय भी उसकी पिटाई करता था। इससे तंग आकर महिला मायके में रहने लगी। उसके पति प्रवीण ने कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सीपी अस्थाना की अदालत में 13 मई 2015 को याचिका दाखिल की। उन्होंने महिला पर ससुराल में नहीं रहने और अपनी मर्जी से मायके चले जाने का आरोप लगाया है। Read more http://inextlive.jagran.com/ranchi/

महिला के हत्यारों को पुलिस ने भेजा जेल

खूंटी के अड़की में बुजुर्ग मंगरी मुंडाइन की डायन- बिसाही को लेकर हुई हत्या मामले में ओझा समेत चार अन्य आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है। इन्होंने रविवार की शाम पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था। गुरुवार को इन्होंने गांव में ही महिला की लाठी- डंडे से पीट- पीटकर हत्या कर दी थी.

ऐसे पकड़े गए आरोपी

इस घटना के बाद साक्ष्य छिपाने के बदले में कुरंगा के ग्रामीणों से आरोपियों से दस लाख रुपए की डिमांड की थी। लेकिन, आरोपियों के पास इतने पैसे नहीं नहीं थे कि वे दे सकें। ऐसे में गांववालों ने पुलिस को महिला की हत्या किए जाने व आरोपियों की जानकारी दे दी। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में कर आरोपियों को पकड़ने में जुट गई थी। इधर एसपी अनीश गुप्ता का कहना है कि दस लाख लेकर मामला छिपाने के लगे आरोपों की भी पुलिस छानबीन कर रही है। इसमें अगर सच्चाई होगी तो आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.  Read more http://inextlive.jagran.com/ranchi/

सचिव से वार्ता विफल, सीएम से करेंगे सीधी नियुक्ति का आग्रह

सीधी नियुक्ति की मांग पर झारखंड टेट पास पारा शिक्षकों की गुरुवार को शिक्षा सचिव आराधना पटनायक के साथ हुई वार्ता विफल रही। अपनी मांगों पर डटे आंदोलनकारियों ने अब सीएम रघुवर दास को अपना दुख- दर्द सुनाने का निर्णय लिया है। राजभवन के पास ख्ब् दिनों से प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों ने ख्भ्वें दिन गुरुवार को शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव के आवास के पास प्रदर्शन किया.

भड़की मंत्री, सचिव से वार्ता को कहा

शिक्षा मंत्री नीरा यादव के आवास पर प्रदर्शन करने पहुंचे आंदोलनकारियों से मंत्री भड़क गईं और कहा कि बिना किसी सूचना के यहां प्रदर्शन करने पहुंच जाते हैं। अगर ऐसी बात है तो हम भी आपके साथ प्रदर्शन करते हैं। आप लोग शिक्षा सचिव के साथ वार्ता कीजिए। मैंने उन्हें आदेश दे दिया है। इसके बाद डीएसई जयंत कुमार मिश्र और शिक्षा अधिकारी विनय चौबे ने पारा शिक्षकों की शिक्षा सचिव से वार्ता का समय निर्धारित करवाया। शाम पांच बजे शिक्षा सचिव आराधना पटनायक के साथ वार्ता हुई, जो विफल रही।

स्थानीयता को लेकर बहाली पर रोक

शिक्षा सचिव ने डेलीगेट्स को बताया कि स्थानीय नीति के पूर्णत: लागू नहीं होने की वजह से तृतीय और चतुर्थ संवर्ग की बहाली पर रोक लगा दी गई है। इस वजह से पारा शिक्षकों के लिए अलग से रिक्रूटमेंट नहीं निकाला जा सकता है। टेट पास पारा शिक्षक संघ के नेता बजरंग प्रसाद के नेतृत्व में टीचर्स शिक्षा सचिव से वार्ता करने पहुंचे थे। डेलीगेट्स ने शिक्षा सचिव को बताया कि मेधांक वाले पारा शिक्षक नियुक्ति से वंचित रह गए, जबकि कम मेधांक वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो गई। इस पर शिक्षा सचिव ने कहा कि इसकी जांच की जा रही है। कोडरमा और देवघर की सूची में गड़बड़ी मिली है, इसके लिए सभी जिलों के डीसी को भी निर्देश भेजा गया है। शिक्षा सचिव ने बताया कि कम मेधांक वाले कैंडिडेट्स के चयन पाए जाने पर अधिकारी और कैंडिडेट्स के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। शिक्षा सचिव ने बताया कि टेट पास पारा शिक्षकों से नियुक्ति नियमावली में सुझाव मांगा गया है। उपयुक्त सुझाव को कार्मिक विभाग में संशोधन के लिए भेजा जाएगा।  Read more http://inextlive.jagran.com/ranchi/

रिम्स में मरीजों का भोजन खा जाते हैं किचन स्टाफ

रिम्स में मरीजों की थाली भले ही खाली रह जाए, पर किचन के स्टाफ्स भोजन का ना सिर्फ पूरा लुत्फ ले रहे हैं, बल्कि उसे अपने घर भी ले जा रहे हैं। मंगलवार को सांसद प्रतिनिधि के साथ नर्सिग सुपरिंटेंडेंट विजयालक्ष्मी ने जब किचन का औचक निरीक्षण किया तो यहां के स्टाफ्स खाने में व्यस्त थे। इतना ही नहीं, मरीजों के हिस्से का भोजन झोले में भरकर अपने घर ले जाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन, जैसे ही उन्होंने नर्सिग सुपरिंटेंडेंट को देखा, वे इधर- उधर भागने लगे। मालूम हो कि स्टाफ्स द्वारा मरीजों का भोजन खुद करने की शिकायत मिलने के बाद नर्सिग सुपरिंटेंडेंट ने किचन का औचक निरीक्षण किया.

खाने में व्यस्त थे स्टाफ

नर्सिग सुपरिंटेंडेंट ने औचक निरीक्षण के दौैरान देखा कि भोजन बनकर तैयार था, पर इसे परोसे जाने की बजाय कमोबेश सभी स्टाफ खुद खाने में व्यस्त थे। लेकिन, जैसे ही उन्होंने नर्सिग सुपरिटेंडेंट को किचन में देखा, हड़कंप मच गया। वे इधर- उधर भागने लगे। इस दौैरान उन्होंने भोजन की क्वालिटी को भी परखा.

घर ले जाने की भी थी तैयारी

किचन का निरीक्षण करने के बाद नर्सिग सुपरिटेंडेंट किचन के पीछे की ओर भी गई। यहां उन्होंने देखा कि कई साइकिलों में झोले टंगे हुए थे। झोले में मरीजों को परोसी जाने वाली सब्जी और फल रखी हुई थी। इसकी रिपोर्ट नर्सिग सुपरिटेंडेंट ने डीएस को दे दी है। अब इस मामले में की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई भी होगी.

मरीजों को समय पर नहीं मिल रहा खाना

रिम्स में मरीजों को कई दिनों से खाना समय से नहीं दिया जा रहा है। जिससे कि मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। इस मामले में जब स्टाफ से पूछा गया तो उन्होंने चूल्हा खराब होने की बात कहीं। साथ ही स्टाफ ने बताया कि आइटम बढ़ाए जाने के कारण भी उन्हें परेशानी हो रही है।  Read more http://inextlive.jagran.com/ranchi/

रांची में बढ़ा लिव इन रिलेशन का ट्रेंड, हर हफ्ते चार मामले

महानगरों की तरह रांची में भी कॉलेज- कोचिंग के स्टूडेंट्स व कामकाजी लोगों के बीच लीव इन रिलेशन का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। राज्य महिला आयोग व महिला हेल्प लाइन में हर हफ्ते तीन से चार मामले पहुंच रहे हैं। लेकिन, लीव इन रिलेशन के बाद टूटते संबंध लड़की और लड़के दोनों के लिए परेशानी के भी सबब बन गए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी तो लड़कियों के साथ हो रही है, जिनके पास सबकुछ गंवाने के बाद कोई रास्ता नहीं बच रहा है। कई लड़कियों को तो बाद में अपने घरों में भी पनाह नहीं मिल रही है। सिर्फ राज्य महिला आयोग में ही महीने भर में डेढ़ दर्जन से भी अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। कई मामलों में पीडि़ता को कानूनी सहायता भी नहीं मिल पाती है।

नाबालिग लड़कियां ज्यादा

लिव इन के मामलों में बड़ी संख्या में नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं। इनमें क्भ् साल से फ्भ् साल तक की महिलाएं हैं। कम उम्र में लड़कियां मां भी बन रही हैं और बड़ी संख्या में एबॉर्शन भी करा रही हैं। इससे उनकी सेहत भी काफी प्रभावित हो रही है।

हर सोसायटी से केसेज

जो केसेज रहे हैं, उनमें ट्राइबल, नन ट्राइबल दोनों सोसायटी के लोग हैं। इनमें हर इनकम ग्रुप के लोग शामिल हैं। पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के अलावा जॉब करने वाले युवा भी लिव इन में रह रहे हैं। यहां साल छह माह में ब्रेकअप के कई मामले हैं। पिछले तीन साल में ऐसे केसेज में तेजी आई है।  Read more http://inextlive.jagran.com/ranchi/